ऐसा देश है मेरा
पत्थर की मूरतों को समझा सबने खुदा है, मेरे लिए वतन का हर जर्ऱा देवता है।
Monday, July 18, 2011
गुमनाम सी ये जिंदगी......
गुमनाम सी ये जिंदगी..........कभी खलासी तो कभी शनि उपासक बनती है। नेहरू, गांधी के दावे, दावे ही रह गए...... न बचपन बदला.... न बदहाली।
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)