Sunday, August 29, 2010

सरहद पर बंधी रिश्तों की डोर

-भारत-पाक सीमा पर बहनों ने बांधी सैनिक भाइयों के राखी, भावुक हुए सैनिक - भर आई अखियां
श्रीगंगानगर।      सरहद पर बंदूकों के साए में प्रेम की कामना करना भी बेमानी लगता है, लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर्व पर भाई-बहन के प्रेम भरे अटूट रिश्ते ने यहां ऐसा प्रेममयी माहौल पैदा किया कि हर कोई भावुक हो उठा। खून से सनने वाले मैदान पर खुशी के आंसू टपके तो घृणा की जगह प्यार प्रफुल्लित हुआ। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारत-पाकिस्तान की सरहदी चौकी हिंदुमलकोट की, जहां इस बार रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रीगंगानगर व हिंदुमलकोट से पहुंची अनेक युवतियों ने सरहद पर पहुंचकर सैनिक भाईयों की कलाइयों पर राखी बांधी और उनकी दीर्घायु की कामना की। वहीं सैनिक भाइयों ने भी बहनों, उनके सुहाग व देश की रक्षा की शपथ ली। 




श्रीगंगानगर से महज 20 किलोमीटर दूर हिंदुमलकोट सरहद चौकी पर रक्षाबंधन पर्व पर कई युवतियां विशेष रूप से सैनिकों के राखियां बांधने पहुंची। हाथों में पूजा की थाल व राखियां लिए जब ये बहनें सैनिक भाइयों तक पहुंची तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अक्सर हाथों में बंदूक थामे सैनिक भाईयों ने कल्पना ही नहीं की थी कि उनकी ये अनजान बहनें यूं राखी बांधने पहुंच जाएंगी। पर जैसे ही इन बहनों ने सैनिकों के राखी बांधी तो माहौल एकबारगी भावुकता से भर उठा और सैनिकों की आंखे भर आई। यहां पहुंची युवतियां भी सैनिकों के इस स्नेह व प्यार तथा घर से दूर रहने के दर्द को देख अपने आंसू नहीं रोक पाई। बोर्डर पर राखी बांधने पहुंची अशोकनगर निवासी रश्मी अरोड़ा ने इन भावुक पलों के बीच बताया कि उसका कोई भाई नहीं है और इसी कारण वह सैनिक भाईयों को राखी बांधने आई है। उन्होंने कहा कि सैनिक भाईयों से बढ़कर शायद ही कोई भाई हो जो हमारी और हमारे देश की रक्षा कर सके। ऐसे ही प्रीति ने कहा कि सैनिकों का घर, परिवार हम ही तों है और इसलिए हर बार इन्हें राखी बांधने आएंगी। हिंदुमलकोट की रीना का भी यही मानना है, वे कहती हैं कि यदि सैनिक भाई हमारी रक्षा की खातिर घर से इतनी दूर बैठे हैं तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम इन सच्चे व वीर भाईयों की कलाइयों पर राखी सजाएं। भावुक हुए सैनिक भी इन बहनों के स्नेह को पाकर बेहद खुश थे। उन्होंने कहा कि  घर से दूर होने के बावजूद आज उन्हें घर की कमी नहीं खल रही। सैनिकों ने कहा कि यदि हर वर्ष, हर त्यौहार पर ऐसा माहौल हर बोर्डर चौकी पर हो तो उनके हौसलो को चार चांद लग जाएंगे। 


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5 comments:

  1. Sach puchho to meri bhi Ankhiyan Bhar AAye h. Vinod Bishnoi Ji, jo coverage aapne kiya h. vo Dil ko Chhugaya h. Dost Lekhan seilee m yonhi likhate v coverage karte rahana. Best wishes to all BSF members and Sister with Vinod Bishnoi...
    Thanks
    jangir kumar rajesh
    DB SGnr

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  2. Good one I Impresed to U keep it ......JAY HIND JAY BHARAT .....I salute to all solzers !!!

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  3. Sainiks are pride of country. Also I proud of sisters for this celebration. Thanks to sisters.

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