पत्थर की मूरतों को समझा सबने खुदा है,
मेरे लिए वतन का हर जर्ऱा देवता है।
Wednesday, April 21, 2010
दौर ...
जो बीत गया है वो, अब दौर न आएगा, इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा। तू साथ न दे मेरा चलना मुझे आता है, हर आग से वाकिफ हूं जलना मुझे आता है। ये जीवन का पुतला जल जाए भी तो क्या, मरने के लिए ऐसा कोई दौर न आएगा।
No comments:
Post a Comment