Tuesday, January 19, 2010

वो भारत देश है मेरा ...........






हां डाल डाल पर, सोने की चिडिय़ां करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा। जहां सत्य अहिंसा और धर्म का, पग-पग लगता डेरा, वो भारत देश है मेरा। ये धरती वो जहां ऋषि मुनि, जपते प्रभु नाम की माला, जहाँ हर बालक एक मोहन है, और राधा हर एक बाला, जहां सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा, वो भारत देश है मेरा। अलबेलों की इस धरती के, त्योहार भी हैं अलबेले, कहीं दीवाली की जगमग है~~कहीं हैं होली के मेले, जहां राग रंग और हंसी खुशी का, चारों ओर है घेरा वो भारत देश है मेरा। जहां आसमान से बातें करते, मंदिर और शिवाले, जहां किसी नगर में किसी द्वार पर~~~~कोई न ताला डाले, प्रेम की बंशी जहां बजाता, है ये शाम सवेरा-------वो भारत देश है मेरा

1 comment:

  1. एक बड़ी सी बात
    अख़बार में छोटी सी जगह पा गई थी,
    रोटी माँगने गई एक बच्ची
    रोटी के बदले इज्जत गँवा गई थी,
    अगर याद हो तो सच बताना,
    उस रात तुम सबको नींद कैसे आ गई थी?

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