Monday, January 25, 2010

मां तुझे सलाम...




     इंडिया गेट से लेकर कस्बों तक गणतंत्र-गणतंत्र
देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्नेह लिए 26 जनवरी का दिन प्रत्येक भारतीय के लिए अहम है। इस दिन हर भारतीय अपनी निजी जिंदगी की मुसीबतों को तिलांजलि देते हुए देश के प्रति भाव-विभोर हो उठता है। वैसे भी कई महत्वपूर्ण स्मृतियां 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस से जुड़ी हुई हैं। आज ही के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में तिरंगे को फहराया था तथा स्वतंत्र भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। इसके बाद आई वह अहम खड़ी, जब 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणतंत्र तथा तंत्र का संविधान देश में लागू हुआ। स्मृतियां यहीं खत्म नहीं होती, आज के दिन वर्ष 1965 में हिन्दी को भारत की राजभाषा घोषित की गई। इसके अलावा वर्ष दर वर्ष ऐसे मौके आते रहे, जब गणतंत्र दिवस पर विशेष घोषणाएं हुई। फेहरिस्त काफी लंबी है, जो निरंतर बढ़ती जाएगी। यही वजह है कि इस विशेष दिन को और अधिक विशेष बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह, उल्लास व धूमधाम के साथ पूरे देश में मनाया जाता है। बात हो, एकता-अखंडता की तो इसके बकायदा सामूहिक तौर पर नई दिल्ली स्थित लाल किले पर विशेष आयोजन किया जाता है। यहां अलग-अलग राज्यों से आई विशेष टीमें देश की विभिन्न मनमोहक छटाओं को प्रदर्शित करती हैं। वहीं राजपथ से गुजरती रोम-रोम को गौरवान्वित करने वाली विशेष परेड जब लाल किले पर पहुंचती है तो देश का कोना-कोना गदगद हो उठता है। गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा देश की शान व शहादतों को सलाम करते 'इंडिया गेट' पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करने के साथ होता है। यहां देश के लिए जान न्यौछावर कर देने वाले वीर जवानों को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके साथ ही महामहीम राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर राष्ट्रीय गान शुरू किया जाता है। अतिथि देवोभव: की संस्कृतिक का निर्वाह करते हुए आज के दिन एक विदेश मेहमान को भी इस विशेष कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है, जिन्हें मुख्य अतिथि का दर्जा दिया जाता है। 
लाल किले पर होने वाले इस विशेष आयोजन का दूरदर्शन के जरिए पूरे देश में सीधा प्रसारण किया जाता है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बैठे भारतीय इस विशेष आयोजन को लुत्फ उठाते हैं। लाल किले से जब प्रधानमंत्री देशवासियों को संबोंधित करते हैं तो लगता है हर कोई लाल किले मे ही विराजित हो। साथ ही जब परेड के दौरान भारतीय सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों प्रदर्शन किया जाता है तो हर नागरिक खुद को महफूज समझता है तथा जवानों के हैरतअंगेज कारनामों को देख जवानों के प्रति श्रद्धाभाव करता है। परेड के बाद बाद महामहीम राष्ट्रपतिभारतीय जवानों को बहादुरी के लिए सम्मानित करते हैं। यहीं वीरता दिखा चुके नागरिकों और बालकों को भी सम्मानित किया जाता है। सशस्त्र सेना के हेलिकॉप्टर लाल किले में बैठे हजारों हिंदुस्तानियों पर गुलाब की बारिश करते हैं। राज्यों से आई झांकियां अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक छटा, विशेष त्यौहार, पर्यटन स्थल और कला को प्रदर्शित करते हैं, जहां भारत एक माला में पिरोया हुआ नजर आता है। तीन दिनी इस विशेष आयोजन के तहत 27 जनवरी को इंडिया गेट पर प्रधानमंत्री रैली का आयोजन किया जाता है, जिसमें एनसीसी केडेट्स रोमांचित करने वाले कारनामें पेश करते हैं। 29 जनवरी के दिन शाम छह बजे बीटिंग द रिट्रीट के साथ ही कार्यक्रम को समापन किया जाता है। इस दिन तीनों सेना टुकडिय़ों द्वारा रग-रग को रोमांचित कर देने वाली विशेष धुन 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा...' को पेश की जाती है। इसके बाद तिरंगा उतार जाता है। इस मौके पर राष्ट्रगान भी गाया जाता है। उधर आज के दिन पूरे देशभर में भी गणतंत्र दिवस पर विशेष आयोजन होते हैं। छोटे-छोटे कस्बों में स्थित राजकीय स्कूलों व निजी स्कूलों में विशेष कार्यक्रम होते हैं। देश के भविष्य नन्हे-मुन्ने आज के दिन के बारे में कई बातें जानते हैं और उनमें देशभक्ति का संचार होता है। इसी तरह प्रत्येक राज्य की राजधानी में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में  राज्यपाल महोदय झंडारोहण करते हैं। कार्यक्रम के दौरान विशेष झांकियों, परेड, प्रदर्शन व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। निश्चित रूप से आज का दिन हर देशवासी के लिए के लिए खास है और हमें गौरव है कि ......हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है.......

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