ऐसा देस है मेरा, हां....... ऐसा देस है मेरा
बोले पपीहा कोयल गाये, सावन घिर घिर आये
ऐसा देस है मेरा.......
गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएं
रंग बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़ उड़ जाएं
मधुर मधुर तानों में कहीं बंसी कोई बजाए, लो सुन लो, कदम कदम पर है मिल जानी, कोई प्रेम कहानी
ऐसा देस है मेरा......
बाप के कंधे चढ़ के जहाँ बच्चे देखे मेले
मेलों में नटके तमाशे, कुल्फ़ी के चाट के ठेले
कहीं मिलती मीठी गोली, कहीं चूरन की है पुडिय़ा
भोले भोले बच्चे हैं, जैसे गुड्डे और गुडिय़ा
और इनको रोज़ सुनाये दादी नानी एक परियों की कहानी
ऐसा देस है मेरा........
well try Vinod. Keep it up.
ReplyDeleteraman
Dost agar tum pryaas karo,
ReplyDeleteYug badlega, Itihaas badlega,
AADMI ki ynha talaash karo,
AADMI hi SAMAAJ badlega...
With Best Wishes,
Aapka DEV
so nice sir...................ye sab pehle nahi pata tha
ReplyDeletethanks........
sanjeev setia
vikas ji se sahmat hun
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